Wednesday, September 3, 2008

जाने वोह कैसे लोग थे जिनको .....




हेमंत कुमार:
जाने वोह कैसे लोग थे जिनके प्यार को प्यार मिला
हमने तो जब कलियाँ मांगी काटों का हार मिला

बिछड़ गया हर साथी देकर पल दो पल का साथ
किसको फुरसत है जो थामे दीवाने का हाथ
हमको अपना साया तक अक्सर बेजार मिला
हमने तो जब...

इसको ही जीना कहते हैं तो यूँही जी लेंगे
उफ़ न करेंगे लैब सी लेंगे आंसू पी लेंगे
ग़म से अब घबराना कैसा ग़म सौ बार मिला
हमने तो जब...

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